आई मिलन की बेला (1964)
संगीतकार : शंकर जयकिशन गीतकार : हसरत जयपुरी, शैलेन्द्र
- आहा आई मिलन की बेला देखो आई ......रफ़ी, आशा, साथी
- बुरा मान गए , प्यार आँखों से जताया तो बुरा मान गए .....मोहम्मद रफ़ी
- मैं प्यार का दीवाना सब से मुझे उल्फत है .....मोहम्मद रफ़ी
- ओ सनम तेरे हो गए हम , प्यार में तेरे खो गए हम......रफ़ी, लता
- तुम कमसिन हो नादाँ हो नाज़ुक हो भोली हो .....मोहम्मद रफ़ी
- तुम आहें भरो ओर नींद उड़े .....मोहम्मद रफ़ी
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