अकेली मत जइयो (1963)
संगीतकार : मदन मोहन गीतकार : मजरूह सुल्तानपूरी
- रस्ते में दो अनजाने, ऐसे मिले दो दीवाने जैसे नहीं बेगाने .....रफ़ी, लता
- यह हवा ये मस्ताना मौसम दिल को फिर करार आया ......रफ़ी, लता
- यह साईंकल का चक्कर , कभी आगे कभी पीछे ....रफ़ी, आशा
- ये तो कहो कौन ह्जो तुम, मेरा करार तुम ही तो नहीं ......रफ़ी, लता
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