अलख निरंजन (1950)
संगीतकार : प्रेमनाथ गीतकार : मनोहर खन्ना, पंडित राम मूर्ती
- दुनिया है यह गोरख धंदा , भाग यहाँ से बांध पुलंदे ......रफ़ी, राजकुमार, सतीश बत्रा, साथी
- एक बार प्रभु के बन जा ओ संसारी......मोहम्मद रफ़ी
- गोपीचंद राजा नहाने को बैठा ......मोहम्मद रफ़ी
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