अलीबाबा और चालीस चोर (1954)
संगीतकार : श्रीनाथ त्रिपाठी, चित्र गुप्त
गीताकार : राजा मेहंदी अली खान
- चलो चलो चलें हम बबूल के तले .......रफ़ी, शमशाद
- गधो पर बैठकर हम शहर के ......देखो देखो हुज़ूर यह हैं खट्टे अंगूर .....रफ़ी, शमशाद
- किस्मत फटी हुयी थी टाँके लगा रहे हैं ......सिये जा सिये जा सिये जा ......मोहम्मद रफ़ी
- ए सबा उनसे कह ज़रा , क्यूँ हमें बे करार कर दिया ......रफ़ी, आशा
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