अन्नदाता (1952)
संगीतकार : मोहम्मद रफ़ी
गीतकार : हसरत जयपुरी, अंजुम जयपुरी
- अन्नदाता 2 ऊंचे परबत बहता पानी, सब कहते है ......रफ़ी, शमशाद, साथी
- लब पे मुस्कराहट है .....देखो जी प्यार करो नयना चार करो .....रफ़ी, शमशाद, मीना मंगेशकर, साथी
- ओ मूरख इंसान अपने को पहचान, मन में तेरा बसा हुआ है ......मोहम्मद रफ़ी
No comments:
Post a Comment