अर्धांगनी (1959)
संगीतकार : वसंत देसाई
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
- दिल हम तो हारे तुम कहो प्यारे गालो का तिल कब हारोगे ......रफ़ी, गीता दत्त
- कल साजना मिलना यहाँ हे तमाम काम धरे ......रफ़ी, गीता दत्त
- तूने जो इधर देखा, मैंने भी उधर देखा .......रफ़ी, गीता दत्त
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