Tuesday, 30 January 2018

Baraat (1960)

बारात (1960)
संगीतकार : चित्र गुप्त 
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी 
अजी अब कहना मान जाओ ...
रफ़ी, गीता, साथी 
अरे जाने वाले हमारी गली आना ....
रफ़ी, मन्नाडे, साथी 
मोहन मैं एक भटका राही ....
रफ़ी, साथी 
ओ बाबू तेल मालिश करा लो .....
रफ़ी, मन्नाडे

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