बसंत (1960)
संगीतकार : O.P.नय्यर गीतकार : कमर जलालाबादी, शेवन रिजवी, S.H. बिहारी
1 : रस्ते में एक हसीं....यह बात है कल शाम की ....
रफ़ी, आशा
2 : ओ मैडम नेन्सी यू आर माय फेंसी....
रफ़ी, आशा
3 : नैनो में सूरज की किरनें चंदा जैसा रूप है ....
रफ़ी, आशा
4 : मेरे लहंगे में घुंघरू लगा डे तो फिर मेरी चाल देख ले ...
रफ़ी, आशा
5 : मेरे दिल पे लगा दी डार्लिंग अपने नाम की चिट...
रफ़ी, आशा
6 : कितनी बदल गयी है ....जी चाहता है खींच लो तस्वीर ...
रफ़ी, आशा
7 : इधर मैं खुबसूरत हूँ उधर तुम ...
रफ़ी, आशा
8 : हम ने तो उनके सामने पहले तो खंजर रख दिया...
रफ़ी, आशा, बातिश
9 : घूम के आया हूँ मैं बंधू रूस और चीन में जाके...
रफ़ी, आशा
10 : दुनिया पक्की फॉर टवेंटी.....
रफ़ी, आशा
11 : चोरी चोरी एक इशारा हो गया है .....
रफ़ी, आशा
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