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Monday, 29 October 2018

Dharam Kanta (1982)

धरम काँटा (1982)
संगीतकार : नौशाद अली
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
दुनिया छूटे यार न छूटे जान से बढ़कर यारी है....
रफ़ी, भूपेंद्र
दिल के बाज़ार में दौलत....तेरा नाम लिया, दिल थाम लिया ..
रफ़ी, आशा
ये गोटेदार लहंगा निकलूँ जब डालके  ..
रफ़ी, आशा

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