दिल्लगी (1966)
संगीतकार : लक्ष्मीकांत
प्यारेलाल
गीतकार : आनंद बक्शी
अब जीने का मौसम आया की हम निकले थे दो कदम …..
रफ़ी, आशा
दुपट्टा ओढ़ निकली बाहर हो मेरे यारा देखो गुलबदन…..
मोहम्मद रफ़ी
पूछो तो नाम भी अपना बता नहीं सकते अल्लाह रे
कमसिनी…..
मोहम्मद रफ़ी
तौबा यह नज़ारे यह क़ातिल इशारे लुट गए ए हुस्न
वालों हम…..
मोहम्मद रफ़ी
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