Wednesday, 12 June 2019

Do Ustad (1959)


दो उस्ताद (1959)
संगीतकार : O.P. नय्यर
गीतकार : कमर जलालाबादी
नज़रों के तीर मारे कस कस कस एक नहीं दो नहीं आठ नौ दस
रफ़ी, आशा
रुक रुक कहाँ चली दीवानी कोई रोके …..
रफ़ी, आशा
रिक रिक रिक बूम बूम बूम टिक तेरे मेरे दो दिल हो गए इक ….
रफ़ी, आशा
तेरे दिल के मकान के सैयां बड़ा आलिशान, बोलो बोलो मेरी जान है किराया कितना
रफ़ी, आशा
इरी का राका आका का बाक़ा,  ….
मोहम्मद रफ़ी
तू लड़की मैं लड़का तुझे देख कलेजा धड़का  ….
रफ़ी, आशा
ख्यालों पर मेरे छाये हुए मालूम होते हो...हम पे दिल आया तो बोलो क्या करोगे….
रफ़ी, आशा, शमशाद

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