एक दो तीन (1953)
संगीतकार : विनोद
गीतकार : अज़ीज़ कश्मीरी
चल मेरी गड़िये तू छुक छुक छुक, इंजन का कोयला गया मुक मुक मुक
रफ़ी, आशा, मीना वध, साथी
ओ जी ओ जी पिया जो बुलाये तो कहूँ मैं जियो जी
रफ़ी, आशा
तुम्हे चुपके से दिल में लिया जो बसा, न तेरी खता न मेरी खता
रफ़ी, आशा, साथी
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