कैसे जीते हैं भला, हमसे सीखो ये अदा
कैसे जीते हैं भला, हमसे सीखो ये अदा
ऐसे क्यों जिंदा हैं लोग, जैसी शर्मिंदा हैं लोग
दिल पे सहकर सितम के तीर भी
पहन कर पांव में जंजीर भी, रक्स किया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
दिल पे सहकर सितम के तीर भी
पहन कर पांव में जंजीर भी, रक्स किया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
डर से खामोश है जो, कैसा बेफिर है वो
हा वो इंसान नहीं, एक तस्वीर है वो
तोह बफ़्ते ख़ुदा, जिसे डरता है आपन
और इस गरीबी में, बड़ी मौज करता है अपन
परेशान लाख सही, गुल नहीं खाक सही
जिंदागी है लाजवाब, ये वो बेवा है जनाब
खुबसूरत है जो दुल्हन से भी
दोस्त तो दोस्त है दुश्मन से भी, प्यार किया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
चिज इस गम से बड़ी, इस जमाने में नहीं
जो मजा रोने में है, मुस्कुराने में नहीं
इसलिए तो भाई, रूखी सूखी जो मिले पेट भरने के लिए
और काफी दो गज है जमीन, जीने मरने के लिए
कैसे नादान है वो, गम से अंजान है जो
रंज ना होता अगर, क्या ख़ुशी थी तेरी कदर
दर्द खुद है मसीहा दोस्तो, दर्द से भी दवा का दोस्तो
काम लिया जा था है.. सबास दोस्त..
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
आ आ आ आ…
चैन मेहलो की नहीं, रंग रलियो मुझे
देदो थोड़ी सी जगह अपनी गलियों में मुझे
झूम कर नचने दो, आज मस्ती में जरा
ले चलो साथ मुझे अपनी बस्ते में जरा
बना हो सोने का भी, पिंजरा है पिंजरा जी
पैसा किस काम का है, धोखा बस नाम का है
रोक ले जो लेबो पेह गिट को, अपने हाथो से ऐसी रीत को
थोड़ा दिया जाता है
मैने भी सीख लिया कैसे जिया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है
आ बता दे ये तुझे कैसे जिया जाता है।
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