Thursday, 2 May 2024

Jab jab dekhoon tere roop ki bahaar

फिल्म : दोस्त और दुश्मन (1971)

गायक : मोहम्मद रफी
संगीत : राज कमल 
गीत : असद भोपाली 

जब जब देखूँ तेरे रूप की बहार, ओ जब जब देखूँ तेरे रूप की बहार

हो गोरी बार बार मेरा दिल कहे, कि राम करे तू लाखो बरस तक सोलह बरस की रहे

ओ जब जब देखूँ तेरे रूप की बहार

हो गाल तेरे, हो गाल तेरे, खिलते हुए फूल जाफ़रान के

हो गाल तेरे, खिलते हुए फूल जाफ़रान के

बाल तेरे उड़ते हुए, बादल आसमान के

हो गाल तेरे, खिलते हुए फूल जाफ़रान के

बाल तेरे उड़ते हुए, बादल आसमान के

चाल  तेरी, चाल  तेरी ऐसी जैसे नदिया बहे

कि राम करे तू लाखो बरस तक सोलह बरस की रहे


ओ साथ तेरा, ओ साथ तेरा, मुझको मिला प्यार के नसीब से

ओ साथ तेरा, मुझको मिला प्यार के नसीब से, मेरे सिवा किसने तुझको देखा है करीब से

ओ साथ तेरा, मुझको मिला प्यार के नसीब से

मेरे सिवा किसने तुझको देखा है करीब से

तेरा मेरा हाय, ओ तेरा मेरा साथ हर जन्म में रहे

कि राम करे तू लाखो बरस तक सोलह बरस की रहे

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