अम्बर (1952)
संगीतकार : गुलाम मोहम्मद
गीतकार : शकील बदायुनी
- अल्लर यम्मा धूम धड़ाका, रोते हैं नैना ग़म के मारे ......रफ़ी, शमशाद, साथी
- धूम धड़ाका, लाया हूँ संदूक मैं ......रफ़ी, शमशाद, साथी
- चुराकर दिल को यूं.....चले जाना तुम दूर बड़े शोक से हुज़ूर......मोहम्मद रफ़ी
- दुनिया में नहीं कोई यार वफादार ज़माना सच कहता है .....रफ़ी, लता
- शमा जली परवाना आया, प्यार की आग में जल जाओ .....रफ़ी, लता
- हम तुम ये बहार देखो रंग लाया प्यार बरखा के महीने में .....रफ़ी, लता
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