Monday, 2 April 2018

Bindiya (1960)


बिन्दिया (1960)
संगीतकार : इकबाल कुरैशी 
गीतकार : राजेंद्र कृष्ण 
मैं अपने आप से घबरा गया हूँ .....
मोहम्मद रफ़ी
ख्वाब में कहाँ मिलेंगे, किस लिए जी*...
रफ़ी, लता
गोरे गोरे हाथ लगे टोकरी उठाने ..
रफ़ी, आशा, साथी
*फिल्म में यह गीत इस तरह से है “शाम में कहाँ मिलेंगे”

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