बिरादरी (1966)
संगीतकार : चित्र
गुप्त
गीतकार : प्रेम धवन
आते हो सताने को ...अभी
न फेरो नज़र ....
मोहम्मद रफ़ी
बेटा जम्हूरे कहदे दुनिया
को ललकार के ...
रफ़ी, मन्नाडे
गुस्से से मत देखो ...तुम
जो हो सो हो लेकिन खुदा तो नहीं ...
रफ़ी, मन्नाडे, साथी
रंग उडाओ धूम मचाओ ....अररररंग
दो सभी को
रफ़ी, मन्नाडे, सुमन
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