दो दिल (1965)
संगीतकार : हेमंत
कुमार
गीतकार : कैफ़ी आज़मी
कांटों में फंसा आँचल ज़ुल्फ़ों में फंसा यह दिल …..
मोहम्मद रफ़ी
राम राम जपना पराया माल अपना प्यार में देखा हम
ने यह सपना…..
मोहम्मद रफ़ी
तेरा हुस्न रहे मेरा इश्क़ रहे की यह सुबह ओ शाम
रहे न रहे ….
मोहम्मद रफ़ी
सारा मोरा कजरा छुड़ाया तूने गरवा से कैसे लगाया
तुमने….
रफ़ी, आरती मुखर्जी
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