दो दिलों की दास्तान (1966)
संगीतकार : O.P. नय्यर
गीतकार : शेवन रिज़वी, राजा मेहँदी अली खान, शम्सुल हुदा बिहारी
आज की रात है छाई हुयी रंगीन फ़िज़ा ……हम तो लुट गए
मोहब्बत …..
रफ़ी, आशा
अजी पहली मुलाक़ात में नहीं प्यार जताया करते …..
रफ़ी, आशा
चल बेटा लेफ्ट चल बेटा राइट वाह वाह रे तेरी चाल
कभी लेफ्ट कभी राइट ….
मोहम्मद रफ़ी
हर जगह आपके क़दमों के निशान मिलते हैं आप से कैसे
मिलें आप कहाँ मिलते हैं …
मोहम्मद रफ़ी
मिलती है अगर नज़रों से नज़र शरमाते हो क्यों ….
रफ़ी, आशा
मुझे अँखियों पे अपनी यक़ीं है तू दुनिया में सब
से हसीन है ….
रफ़ी, आशा
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