दूज का चाँद (1964)
संगीतकार : रोशन
गीतकार : साहिर लुधियानवी
चाँद तकता है इधर आओ कहीं छुप जाएँ कहीं लगे न
नज़र …
रफ़ी, सुमन
महफ़िल से उठ जाने वालों तुम लोगों पर किया इलज़ाम, ….
मोहम्मद रफ़ी
सुन ए मेह्ज़बिं मुझे तुझ से इश्क़ नहीं ….
मोहम्मद रफ़ी
बस्ती है जो ख्वाबों में - शेर….
मोहम्मद रफ़ी
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