फिल्म : तेरे बगैर (U/R)
गायक : मोहम्मद रफी
संगीत : मदन मोहन
गीत : राजेंद्र कृष्ण
आज कुछ कहना है मुझको जो इजाजत होगी
बात छोटी सी है सुन लो तो इनायत होगी
मेरा पैगाम
मेरा पैगाम पैगाम पैगाम
मेरा पैगाम मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं-2
जिंदगी प्यार की राह के सिवा कुछ भी नहीं
मेरा पैगाम मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं
एक बीमार-ए-मुहब्बत से ये पूछा मैंने-2
इश्क में तूने ये क्या हाल बना रखा है
वो तेरे यार की चिलमन को दिखा कर बोला
मेरे महबूब को
मेरे महबूब को परदो में छुपा रखा है
क्या जमाने में
क्या जमाने में अदावत के सिवा कुछ भी नहीं
मेरा पैगाम मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं-2
बेवजह दुनिया ने निन्दों में ख़लाल डाल दी-2
चाहनेवालों ने जब ख़्वाब सुनेहरे देखे
देखनेवालों ने इन प्यार की राहों में सदा
या तो दीवारें
या तो दीवारें ही देखी है या पहरे देखे
ये मोहब्बत
ये मोहब्बत तो इबादत के सिवा कुछ भी नहीं
मेरा पैगाम मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं-2
ये भी दस्तूर मोहब्बत का निराला देखा
ये भी दस्तूर मोहब्बत का निराला देखा
एक विरोधाभास में दूसरे बाज़ारों में
इस तरह का तड़पने से तो अच्छा होगा
ज़िंदा चुनाव दे कोई
ज़िंदा चुनाव दे कोई दोनों को दीवारों में
इश्क में मौत भी
इश्क में मौत भी रहत के सिवा कुछ भी नहीं
मेरा पैगाम मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं
ज़िन्दगी प्यार की राहत के सिवा कुछ भी नहीं है
मेरा पैगाम मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं.
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