फिल्म : तेरे बगैर (U/R)
गायक : मोहम्मद रफ़ी
संगीत : मदन मोहन
गीत : राजेंदर कृष्ण
महबूबा महबूबा मेरी महबूबा,
महबूबा मेरी महबूबा
जब तुझे देखा है, जब तुझे चाहा है
कुछ होश नहीं दुनिया का, महबूबा मेरी महबूबा
जब तुझे देखा है, जब तुझे चाहा है
कुछ होश नहीं दुनिया का, महबूबा मेरी महबूबा
शायर जो तुझे देखे तो गजल कह डाले-2
तुझे हुस्न का जिंदा ताजमहल कह डाले
बिजली की चमक सूरज की दमक है नूर ते आंखों का
महबूबा, महबूबा मेरी महबूबा
जब तुझे देखा है, जब तुझे चाहा है
कुछ होश नहीं दुनिया का, महबूबा मेरी महबूबा
तेरी जुल्फ के खातिर बाग खिलाए कालिया
तू गुजरे जहान से जन्नत है वो गलियां
फूलों की महक बुलबुल की की चहक
हर शय में तेरा है चर्चा
महबूबा, महबूबा मेरी महबूबा
जबसे तुझे देखा है, जबसे तुझे चाहा है
कुछ होश नहीं दुनिया का, महबूबा मेरी महबूबा
भूले से अगर तू शाम को बाहर आए-2
क्या चांद की जुर्रत है जो निकलने पाए
देखे जो तुझे हैरत से कहे
ये चांद है किस दुनिया का
महबूबा, महबूबा मेरी महबूबा
जबसे तुझे देखा है, जबसे तुझे चाहा है
कुछ होश नहीं दुनिया का, महबूबा मेरी महबूबा
महबूबा मेरी महबूबा, महबूबा मेरी महबूबा।
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