फिल्म : युवराज (1970)
गायक : मोहम्मद रफी
संगीत : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीत : आनंद बख्शी
तू हुस्न है तू जवानी है, एक आग है एक पानी है-2
तू हुस्न है दोनो की ये कहानी है
तू हुस्न है तू जवानी है एक आग है एक पानी है-2
तू हुस्न है......
आ पास जवानी तू है वो दीवानी
सब जिसके दीवाने सब तेरे फ़साने
तू फूल की खुशबू तू प्यार का जादू
हर बात है तुझसे दिन रात है तुझसे
दिल की धड़कन है तू तुही तू तुझसे ही जिंदगानी है
तू हुस्न है तू जवानी है एक आग है एक पानी है
तू हुस्न है......
चल नच हसीना तुझ बिन क्या जीना
ये चांद सा मुखड़ा ये चांद का टुकड़ा
ये गोरी बहे जन्नत की राहे
तारीफ करू क्या मैं या कहू क्या
जिसपे तू मेहरबा मेरी जा उसपे सबकी मेहरबानी है
तू हुस्न है तू जवानी है एक आग है एक पानी है
तू हुस्न है......
तकरार ये कैसी तुम हो एक जैसी
हर एक अधूरी दोनो हो जरूरी
सूरत की मूरत मूरत की सूरत एक जिस्म है एक जा है
एक ना है तो एक हा है कुछ ज्यादा नहीं काम नहीं
ये मल्लिका तू रानी है
तू हुस्न है तू जवानी है एक आग है एक पानी है
तू हुस्न है तू जवानी है एक आग है एक पानी है
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